खंजर

यह सच है दोस्तो किसीसे प्यार ना करना,
कभी किसी का ऎतबार ना करना,
थाम के खंजर अपने ही हाथोमें,
बेदर्दी से अपने दिल पर वार ना करना ।

अपनी दोस्ती

अपनी दोस्ती फुलो कि तरह ना हो,
जो एक बार खिले और फिर मुरझा जाए,
बल्कि कांटो की तरह हो,
जो एक बार चुभे तो बार बार याद आए,

नगर.

दिल वह नगर नही की आबाद हो सके,

पछताओगे सुनो यह बस्ती उजाड के ।