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दोस्ती.

हर कर्ज दोस्तीका अदा करेगा कौन,

जब हमही नही रहेंगे तो दोस्ती करेगा कौन,

ए खुदा मेरे दोस्तो को सलामत रखना,

वर्ना मेरे जीने की दुआ करेगा कौन ।