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शिकवा.

हमे जिंदगी से कोई शिकवा नही,
कोई गिला नही की वो हमको मिला नही,
जिने के लिये उनकी यादो का सहारा बहोत है,
कोई गम नही जो वो दो कदम साथ चला नही।

पल.

पल ही ऎसा था कि हम इंकार ना कर पाए,
ना थी जिनके बिना जिंदगी मुनासिब,
छोड दिया साथ उन्होने और हम सवाल भी ना कर पाए ।