शेर जो मेरे नही, लेकिन मेरे दिल को छू गए. ऎसेही कुछ शेर आपके लिये.
किताब-ए-दिल का कोई सफा खाली नही होता, मेरे दोस्त वो भी पढ लेते है,जो लिखा नही होता.
छोटे से दिल में गम बहुत है, जिन्दगी में मिले जख्म बहुत हैं, मार ही डालती कब की ये दुनियाँ हमें, कम्बखत दोस्तों की दुआओं में दम बहुत है.
मौसम बहुत सर्द है . .
चल ए दोस्त . .
गलत-फहमिओ को . .
आग लगाते हैं . .
शायद फिर वो तक़दीर मिल जाये जीवन के वो हसीं पल मिल जाये चल फिर से बैठें वो क्लास कि लास्ट बैंच पे शायद फिर से वो पुराने दोस्त मिल जाएँ ।
हर कर्ज दोस्तीका अदा करेगा कौन,
जब हमही नही रहेंगे तो दोस्ती करेगा कौन,
ए खुदा मेरे दोस्तो को सलामत रखना,
वर्ना मेरे जीने की दुआ करेगा कौन ।