चाहत.

इस कदर हम यार को मनाने निकले,
उसकी चाहत के हम दिवने निकले,
जब भी उसे दिल का हाल बताना चाहा,
तो उसके होठॊंसे वक्त ना होनेके बहाने निकले ।

ख्याल.

जब कोई ख्याल दिल से टकराता है ॥
दिल ना चाह कर भी, खामोश रह जाता है ॥
कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है॥
कोई कुछ ना कहकर भी, सब बोल जाता है ॥

दोस्ती.

सौ बेवफाई कबूल है एक वफाई के लिये,
सौ ऑसू कबूल है एक मुस्कूराहट के लिये,
हम तो मोहताज है आपके प्यार के लिये,
सौ दुश्मन कबूल है आपकी दोस्ती के लिये ।