तनहा.

ऑंख से ऑंख मिलाता है कोई,
दिल को खिंच लिये जाता है कोई,
बहुत हैरत है के भरी मेहफील में,
मुझ को तनहा नज़र आता है कोई।

नज़रे !

माना के आपकी नज़रो मे कुछ नही है हम,
मगर उनसे जाकर पुछो जिन्हे हासिल नही है हम।

लम्हा.

हमारा हर लम्हा चुरा लिया आपने,
आंखो को एक चांद दिखा दिया आपने,
हमे जिंदगी तो दि किसी और ने,
पर प्यार इतना देकर जिना सिखा दिया आपने !