गिला.

घायल किया जब अपनो ने, तो गैरो से क्या गिला करना,
उठाये है खंजर जब अपनो ने, तो जिंदगी की तमन्ना क्या करना ।

सहारा.

ज़माने मे कोई ना सहारा नज़र आया,
बस तुही एक हमारा नज़र आया,
तेरे ईश्क मे इस कदर बहते रहे,
ना तुफान नज़र आया ना किनारा नज़र आया।

तनहा.

ऑंख से ऑंख मिलाता है कोई,
दिल को खिंच लिये जाता है कोई,
बहुत हैरत है के भरी मेहफील में,
मुझ को तनहा नज़र आता है कोई।