ऑंसू

ये ऑंसू भी कम्ब्ख्त अजीब परेशानी है,
खुशी और गम दोनो की निशानी है,
समझने वालॊ के लिए अनमोल है,
ना समझ को सिर्फ पानी है ।

2 comments:

संगीता पुरी said...

बहुत अच्छा। धन्यवाद।

Dinesh Gharat said...

संगीताजी धन्यवाद !