तस्वीर.

बिखरे ऑसुमे मोती हम पिरो ना सके,
उनकी यादमे सारी रात सो ना सके,
बह ना जाए ऑसु मे उनकी तस्वीर,
यही सोच कर हम रो भी ना सके ।

2 comments:

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत बढिया मुकत्क है।

jhilekhan said...

behot unda
kya kaha hai
bes dil ko chu gaya