जमीर

एक निंद हैं जों लोगों कों रात भर नहीं आती...

और एक जमीर है जो हर वक्त सोया रहता है !!

मुर्दा

यहाँ जीना है तो . .

नींद में भी पैर हिलाते रहिये . .

वर्ना दफ़न कर देगा . .

ये शहर मुर्दा समझकर . .

सफा

किताब-ए-दिल का कोई सफा खाली नही होता,
मेरे दोस्त वो भी पढ लेते है,जो लिखा नही होता.