इश्क

इश्क़ कर लीजिये बेइंतिहा किताबों से

एक यही हैं जो

अपनी बातों से पलटा नहीं करतीं

खामोशियाॅ

अच्छी लगने लगी है अब ये ख़ामोशियाँ भी हमें,

किसी को जवाब देने का सिलसिला जो ख़त्म हो गया !!

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दर्द

मेरा दर्द भी वही था
और मरहम भी वही था
महफिल में इस बात से
अनजान बचा भी वही था