शेर जो मेरे नही, लेकिन मेरे दिल को छू गए. ऎसेही कुछ शेर आपके लिये.
एक कलम थी, एक रात थी, लिखने को कुछ नही, बस तेरी बात थी ।
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मत पूछो कैसे गुजर रही है जिंदगी,
बस उस दौर से गुजर रहा हूं, जो गुजरता ही नही-----
स्याही की तासीर का अंदाज़ तो देखिए खुद-ब-खुद बिखरे तो दाग कोई और बिखेरे तो अल्फ़ाज