तेरी बात

एक कलम थी,
एक रात थी,
लिखने को कुछ नही,
बस तेरी बात थी ।

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दौर

मत पूछो कैसे गुजर रही है जिंदगी,

बस उस दौर से गुजर रहा हूं, जो गुजरता ही नही-----

तासीर

स्याही की तासीर का
अंदाज़ तो देखिए
खुद-ब-खुद बिखरे तो दाग
कोई और बिखेरे तो अल्फ़ाज