शेर जो मेरे नही, लेकिन मेरे दिल को छू गए. ऎसेही कुछ शेर आपके लिये.
शायद फिर वो तक़दीर मिल जाये जीवन के वो हसीं पल मिल जाये चल फिर से बैठें वो क्लास कि लास्ट बैंच पे शायद फिर से वो पुराने दोस्त मिल जाएँ ।
कितना शरीफ शख्श है; पत्नी पे फ़िदा है; उस पे ये कमाल है कि; अपनी पे फ़िदा है ।